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Roscosmos: रूस की अंतरिक्ष एजेंसी जिसने अंतरिक्ष दौड़ की शुरुआत की।

रोस्कोसमॉस: रूस की अंतरिक्ष एजेंसी की भूमिका – इतिहास, मिशन, तकनीक और वैश्विक सहयोग


🔭 भूमिका (Introduction)

जब भी हम अंतरिक्ष विज्ञान की बात करते हैं, तो NASA के साथ एक और नाम उभर कर सामने आता है – रोस्कोसमॉस (Roscosmos)। यह रूस की आधिकारिक अंतरिक्ष एजेंसी है, जिसकी जड़ें सोवियत संघ के अंतरिक्ष कार्यक्रमों से जुड़ी हुई हैं।


पृथ्वी की कक्षा में उड़ता हुआ रोस्कोसमॉस का अंतरिक्ष यान और उसके पीछे अंतरिक्ष की गहराई
Roscosmos का अंतरिक्ष यान पृथ्वी की निचली कक्षा में परिक्रमा करता हुआ, अंतरिक्ष और नीले ग्रह की सुंदर छवि के साथ


जहां अमेरिका ने चंद्रमा पर कदम रखकर इतिहास रचा, वहीं सोवियत संघ ने पहला उपग्रह (Sputnik), पहला मानव (Yuri Gagarin) और पहली महिला (Valentina Tereshkova) अंतरिक्ष में भेजकर अंतरिक्ष युग की नींव रखी।


🏢 रोस्कोसमॉस क्या है?

Roscosmos (Russian Federal Space Agency), जिसे आधिकारिक रूप से "Roscosmos State Corporation for Space Activities" कहा जाता है, रूस की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है।
इसका मुख्यालय मॉस्को में है।


📅 स्थापना:

  • पहले नाम: Russian Space Agency (1992)
  • वर्तमान स्वरूप: 2015 में "State Corporation" के रूप में पुनर्गठित किया गया

🔑 प्रमुख कार्य:

  • अंतरिक्ष अनुसंधान और अभियानों की योजना बनाना
  • रॉकेट और यान का निर्माण
  • उपग्रह संचार, पृथ्वी अवलोकन
  • अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) में भागीदारी
  • सैन्य और नागरिक उद्देश्यों के लिए अंतरिक्ष प्रक्षेपण

 

🪐 रोस्कोसमॉस का इतिहास – सोवियत स्पेस प्रोग्राम से शुरुआत

🔹 Sputnik 1 – पहला कृत्रिम उपग्रह (1957)

  • दुनिया का पहला मानव-निर्मित उपग्रह
  • अंतरिक्ष दौड़ की शुरुआत

🔹 Yuri Gagarin – पहले इंसान (1961)

  • Vostok-1 यान से
  • केवल 108 मिनट की फ्लाइट में पृथ्वी की परिक्रमा

🔹 पहली महिला अंतरिक्ष यात्री – Valentina Tereshkova (1963)

🔹 Luna Missions – चंद्रमा के लिए

  • Luna 2 – चंद्रमा पर पहुंचने वाला पहला मानव निर्मित वस्तु
  • Luna 9 – पहली सॉफ्ट लैंडिंग चंद्रमा पर

🔹 Mir Space Station (1986-2001)

  • पहला दीर्घकालिक अंतरिक्ष स्टेशन
  • बाद में ISS के लिए आधार बना

 

🚀 रोस्कोसमॉस के प्रमुख अंतरिक्ष कार्यक्रम

1. Soyuz Program

  • सबसे विश्वसनीय मानव अंतरिक्ष यान
  • आज भी ISS तक अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाता है
  • Apollo-Soyuz Test Project (1975): पहला USA-USSR संयुक्त मिशन

2. Progress Cargo Ships

  • बिना क्रू के आपूर्ति यान
  • ISS को ईंधन, भोजन, उपकरण पहुँचाते हैं

3. Luna 25, 26, 27 Missions (चंद्रमा की ओर वापसी)

  • Luna 25: चंद्रमा पर लैंडिंग का प्रयास (2023 में विफल)
  • Luna 26: परिक्रमा उपग्रह
  • Luna 27: लैंडर और रोवर

4. Venera Missions (1959–1980s)

  • शुक्र ग्रह पर कई यान भेजे
  • Venera 7 – पहली सफल सॉफ्ट लैंडिंग (1970)
  • Venera 9 – पहली तस्वीरें शुक्र की सतह से

 

🛰️ तकनीकी शक्तियाँ और लांच सिस्टम

प्रणाली

विवरण

🚀 Soyuz-FG

क्रू लॉन्च के लिए

🚀 Proton-M

भारी उपग्रह प्रक्षेपण

🚀 Angara

नई पीढ़ी का लांच व्हीकल

🛸 Nauka Module

ISS में जोड़ा गया नया वैज्ञानिक मॉड्यूल (2021)

 

विशेषता:

  • Roscosmos के रॉकेट सिस्टम पूरी तरह से पुनः प्रयोग योग्य नहीं हैं, लेकिन विश्वसनीयता में उच्च हैं।
  • Soyuz प्रणाली आज भी 60+ साल बाद इस्तेमाल हो रही है।

 

🌐 अंतरराष्ट्रीय सहयोग

🔷 ISS (International Space Station):

  • Roscosmos ISS के संस्थापक साझेदारों में से एक है
  • रूस ने Zvezda, Zarya, Nauka जैसे मॉड्यूल बनाए
  • Soyuz और Progress यान लंबे समय तक अमेरिका के लिए भी क्रू व आपूर्ति ले जाते रहे

🔷 NASA और Roscosmos संबंध

  • शीतयुद्ध के बाद तनाव कम होने पर सहयोग बढ़ा
  • 2020 तक अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री Soyuz से ही ISS जाते थे
  • Artemis मिशन में हालांकि Roscosmos शामिल नहीं है

🔷 चीन और भारत से संबंध

  • भारत: ISRO और Roscosmos में तकनीकी सहयोग (Gaganyaan में शामिल नहीं)
  • चीन: Roscosmos और CNSA (China National Space Administration) मिलकर "International Lunar Research Station" पर काम कर रहे हैं (2030 तक)

🔬 Roscosmos की वैज्ञानिक खोजें

  • अंतरिक्ष में सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण का अध्ययन
  • रेडिएशन प्रभाव पर दीर्घकालिक प्रयोग
  • जीवन विज्ञान और जैव-प्रौद्योगिकी
  • पृथ्वी अवलोकन (Remote Sensing Satellites)

 

⚔️ सैन्य और गुप्त मिशन

Roscosmos रूस के रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर भी काम करता है:

  • जासूसी उपग्रह (Reconnaissance Satellites)
  • सामरिक चेतावनी प्रणाली
  • ASAT (Anti Satellite Weapons) परीक्षण
  • Kosmos उपग्रह शृंखला (military & civilian dual-use)

 

📉 चुनौतियाँ और विवाद

1.    भ्रष्टाचार और धन की बर्बादी

o    बजट घोटाले और अपारदर्शिता

2.    Luna-25 की विफलता (2023)

o    चंद्र लैंडिंग असफल रही

3.    Brain Drain

o    वैज्ञानिक और इंजीनियर निजी या विदेशी संस्थाओं की ओर पलायन कर रहे हैं

4.    उपकरणों की पुरानी तकनीक

o    SpaceX जैसी आधुनिक प्रतिस्पर्धा से पिछड़ते जा रहे हैं

 

🔮 भविष्य की योजनाएँ

मिशन

विवरण

Luna 26, 27

चंद्र मिशन

ExoMars (ESA के साथ)

मंगल पर रोवर भेजने का प्रयास

ROSS – Russian Orbital Space Station

ISS के बाद रूस की अपनी स्पेस स्टेशन (2030 तक)

IRLS (China के साथ)

चंद्रमा पर स्थायी बेस बनाने की योजना

मिशन

विवरण

 

🤝 रोस्कोसमॉस (Roscosmos) और भारत

  • 1984 में Rakesh Sharma को सोवियत स्पेस स्टेशन पर भेजा गया (Soyuz T-11 से)
  • ISRO के कई लॉन्च पहले रूस से किए गए
  • GSLV रॉकेट के लिए Cryogenic Engine तकनीक रूस से प्राप्त हुई थी
  • 2023 में भारत ने Luna-25 के साथ वैज्ञानिक उपकरण भेजने की पेशकश की थी
 

FAQs (Frequently Asked Questions)

Q 1. रोस्कोसमॉस (Roscosmos) क्या है?

Roscosmos रूस की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है, जो अंतरिक्ष मिशनों, रॉकेट प्रक्षेपण, मानव अंतरिक्ष उड़ानों और वैज्ञानिक अनुसंधान का संचालन करती है।

 

Q 2. रोस्कोसमॉस (Roscosmos) और NASA में क्या अंतर है?

NASA अमेरिकी स्पेस एजेंसी है जबकि रोस्कोसमॉस (Roscosmos) रूस की है। दोनों ने मिलकर कई अंतरराष्ट्रीय मिशनों (जैसे ISS) में सहयोग किया है, लेकिन उनके दृष्टिकोण और तकनीकों में अंतर है।

 

Q 3. क्या रोस्कोसमॉस (Roscosmos) ने चंद्रमा पर मिशन भेजा है?

हां, सोवियत संघ के दौर में रोस्कोसमॉस (Roscosmos) ने Luna मिशन सीरीज़ के तहत कई चंद्र मिशन भेजे थे। हाल ही में Luna-25 मिशन का प्रयास किया गया।

 

Q 4. क्या रोस्कोसमॉस (Roscosmos) और भारत (ISRO) के बीच सहयोग है?

हां, Cryogenic इंजन तकनीक से लेकर राकेश शर्मा के अंतरिक्ष यात्रा तक, दोनों देशों के बीच कई सहयोग हुए हैं।

 

Q 5. रोस्कोसमॉस (Roscosmos) के भविष्य की योजनाएं क्या हैं?

रूस अपना खुद का ROSS स्पेस स्टेशन बना रहा है और चीन के साथ मिलकर चंद्रमा पर स्थायी बेस की योजना बना रहा है।

 

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