अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुँचा रहे हैं जीवन का सामान? प्रोग्रेस 92 मिशन NASA और रूस द्वारा
🌍 प्रोग्रेस 92 मिशन: क्या आपने कभी सोचा है कि अंतरिक्ष में मौजूद अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) तक खाना, पानी, ईंधन और वैज्ञानिक उपकरण कैसे पहुँचते हैं? वहां रहने वाले अंतरिक्ष यात्री महीनों तक धरती से दूर रहते हैं, और उनका जीवन पूरी तरह उन मिशनों पर निर्भर करता है जो समय-समय पर ज़रूरी सामान लेकर वहां पहुँचते हैं।
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| NASA द्वारा साझा की गई तस्वीर जिसमें प्रगति 90 डॉकिंग के लिए अंतरिक्ष स्टेशन के पास पहुँचता हुआ। |
ऐसा ही एक अहम मिशन है 'प्रोग्रेस 92', जिसे रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोसमॉस
(Roscosmos) ने लॉन्च किया है और इसमें शामिल है NASA की लाइव कवरेज और तकनीकी
सहयोग। इस मिशन ने लगभग तीन टन जीवनोपयोगी सामग्री को ISS तक पहुंचाया है,
जो Expedition 73 मिशन की सफलता के लिए अनिवार्य है। आइए जानें इस मिशन की पूरी
कहानी – लॉन्च से लेकर डॉकिंग तक, और यह कैसे भविष्य के मून और मार्स मिशनों की
नींव रखता है।
🌌 अंतरिक्ष में जीवन का समर्थन
अंतर्राष्ट्रीय
अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) मानवता के लिए एक उत्कृष्ट प्रयोगशाला और अनुसंधान केंद्र
है। पिछले लगभग २५ वर्षों से यह दुनिया की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियों — NASA,
Roscosmos, ESA, JAXA और CSA — के सहयोग से संचालित हो रहा है investorshangout.com+1opentools.ai+1।
इस समय
Expedition 73 (अप्रैल–दिसंबर 2025) की टीम ISS पर विभिन्न विज्ञान, तकनीक, जैविक,
मनोवैज्ञानिक और कृषि संबंधी शोध कर रही है । नियमित अंतरिक्ष आपूर्ति मिशन इसके
लिए अत्यावश्यक हैं, जिनमें Progress 92 एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
🚀 प्रोग्रेस 92 मिशन
‘प्रगति’ एक
रूसी ऑटोमैटेड कार्गो अंतरिक्ष यान है, जिसे रोस्कोसमॉस द्वारा बनाया गया है। इन
यानों का मुख्य उद्देश्य भोजन, ईंधन, पानी, आपातकालीन उपकरण, प्रयोगशाला उपकरण आदि
प्रदान करना है opentools.ai।
प्रोग्रेस 92 (Progress MS‑30) मिशन अप्रैल 2025 के बाद चल रहे
Expedition 73 मिशन की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करता है। इसमें लगभग तीन टन
जरूरी सामान शामिल है en.wikipedia.org+13nasa.gov+13en.wikipedia.org+13।
- लॉन्च समय और स्थान: 3 जुलाई 2025 को शाम 3:32pm EDT (12:32am Baikonur) पर कज़ाखस्तान के बायकोनूर कॉसमोड्रोम से सोयुज रॉकेट द्वारा लॉन्च होगा facebook.com+6nasa.gov+6forum.nasaspaceflight.com+6।
- डॉकिंग: लगभग 2 दिन बाद यानी 5 जुलाई
2025 को शाम 5:27pm EDT पर ISS के Poisk मोड्यूल से जुड़ने की योजना है plus.nasa.gov+4nasa.gov+4opentools.ai+4।
- डॉक्ड अवधि: लगभग छह महीने तक यह स्टेशन पर
रहेगा और उसके बाद डिट्रैशिंग और पृथ्वी की वायुमंडल में जलकर नष्ट हो जाएगा
।
📺 NASA की लाइव कवरेज
NASA ने
लॉन्च और डॉकिंग प्रक्रिया की लाइव कवरेज उपलब्ध कराने की घोषणा की है, जिससे रूचि
रखने वाले लोग NASA+ प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से इसे लाइव देख सकते हैं opentools.ai।
लाइव
कार्यक्रम सारांश:
|
घटना |
तिथि/समय
(EDT) |
कवरेज
शुरू होने का समय |
|
Launch |
3 जुलाई 2025, 3:32pm |
3:10pm (NASA+) |
|
Docking |
5 जुलाई 2025, 5:27pm |
4:45pm (NASA+) |
🔄 प्रोग्रेस 90 की भूमिका
ISS पर
पूरानी ‘प्रगति 90’ जून 2025 में Poisk पोर्ट से अलग हो चुका है ताकि प्रगति 92 के
लिए जगह बन सके x.com+10nasa.gov+10investorshangout.com+10।
ऐसा स्टेशनों के संचालन को संतुलित रखने के लिए हर बार किया जाता है।
🎯 Expedition 73 और Axiom Mission 4
Expedition 73
की टीम NASA, Roscosmos और JAXA के अंतरिक्ष यात्रियों का मिश्रण है, जिनमें Jonny
Kim (NASA), Sergey Ryzhikov और Alexey Zubritsky (Roscosmos)
प्रमुख हैं forum.nasaspaceflight.com+5en.wikipedia.org+5en.wikipedia.org+5।
26 जून 2025
को रूसोस्पेस द्वारा Axiom Mission 4 की टीम ISS में पहुंची, जिसमें Peggy
Whitson (USA), Shubhanshu Shukla (भारत), Sławosz Uznański‑Wiśniewski (पोलैंड), और Tibor Kapu (हंगरी) शामिल थे। यह मिशन भारत,
पोलैंड और हंगरी का Crewed spaceflight में दो दशकों बाद वापसी थी en.wikipedia.org।
⚙️ क्यों महत्वपूर्ण है यह मिशन?
- जैविक और प्रौद्योगिकी शोध: ISS पर चल रहे प्रयोगों—जैव
विज्ञान, कैंसर शोध, फिजिक्स, सामग्री विज्ञान, मानव स्वास्थ्य और कृषि—के
लिए नियमित आपूर्ति आवश्यक है ।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग: USA और Russia के बीच सहयोग
से यह मिशन वैश्विक शांति और विज्ञान में योगदान देता है—राजनीतिक तनावों से
परे संयोजन का उदाहरण
nasa.gov+4opentools.ai+4space.com+4।
- चैलेन्ज़ और तैयारी: ISS पर जीवन के पांच
महत्वपूर्ण तत्व—खाना, पानी, हवा, ईंधन, प्रयोगशाला उपकरण—के समुचित प्रबंधन
का यह प्रदर्शन है।
- दीर्घकालिक मिशन की तैयारी: Artemis और Mars मिशनों के
लिए आवश्यक तकनीक और प्रक्रियाएं ISS पर परीक्षण द्वारा स्थापित की जाती हैं
🔧 ‘प्रोग्रेस’ (प्रगति) यानों की तकनीकी जानकारी
- निर्माण एजेंसी: Energia, रूस।
- रॉकेट: सोयुज‑2.1a।
- भार: लगभग 7000 किलोग्राम, जिसमें 3
टन सामान शामिल है en.wikipedia.orgen.wikipedia.org+4en.wikipedia.org+4en.wikipedia.org+4opentools.ai।
- कार्य: स्वचालित डॉकिंग और डिट्रैश
प्रक्रिया; प्रयोग के बाद पृथवी वायुमंडल में जल कर नष्ट हो जाता है ।
इसका इतिहास:
- Progress MS‑27 (प्रगति 27) —
जून 2024 में Poisk पोर्ट से docking किया गया और लगभग 6 महीने बाद अलग हो
गया en.wikipedia.org+7en.wikipedia.org+7nasa.gov+7।
- Progress MS‑28 — अगस्त 2024 में
Zvezda पोर्ट से docking किया गया, फरवरी 2025 में डिस्पोज हो गया en.wikipedia.org+2en.wikipedia.org+2en.wikipedia.org+2।
📡 डॉकिंग की प्रक्रिया
डॉकिंग से
पूर्व, "रैचिंग" मोड्यूल पर्याप्त दूरी तक ISS और कार्गो यान को
स्थितिगत आंशिक मिलान में मदद करता है। यह प्रक्रिया ऑटोमैटिक होती है और इसे
कंट्रोल रूम से नियंत्रित किया जाता है। डॉकिंग के बाद, हवा-राबता संरक्षित
वातावरण में सामान स्थानांतरित किया जाता है। NASA कंट्रोल रूम लगातार सिस्टम जांच
करता है ।
📆 प्रमुख तिथियाँ
- प्रोग्रेस 90 का अनडॉकिंग — 1 जुलाई 2025।
- प्रोग्रेस 92 लॉन्च — 3 जुलाई 2025, 3:32pm EDT।
- प्रोग्रेस 92 डॉकिंग — 5 जुलाई 2025, 5:27pm EDT।
- डॉकड अवधि — लगभग 6 महीने।
🎥 लाइव कवरेज कैसे देखें?
NASA+ पर तीन
अवसरों पर कवरेज होगी:
- लॉन्च से पहले (3:10pm)
- डॉकिंग से पहले (4:45pm)
- डॉकिंग प्रक्रिया के दौरान
यह कवरेज
NASA के सोशल मीडिया (YouTube, X, Facebook) और NASA+ ऐप पर उपलब्ध है facebook.com+6nasa.gov+6investorshangout.com+6facebook.com+2plus.nasa.gov+2facebook.com+2opentools.ai।
🌍 मिशन का वैश्विक महत्व
- वैज्ञानिक प्रगति – ISS पर चल रहे प्रयोग माना जा
सकता है कि यह पृथ्वी पर जीवन सुधार प्रक्रिया, दवाइयों और ऊर्जा क्षेत्र में
क्रांति ला सकते हैं।
- वर्चुअल सहभागिता – दुनिया भर से ऑनलाइन देखने
वालों के लिए प्रेरणा और शिक्षा का स्रोत।
- तस्वीर में मानवता – भारत जैसे देशों का अंतरिक्ष
में योगदान पहली बार खुले तौर पर वैश्विक स्तर पर प्रकाश में आता है।
- भविष्य का मंच – Mars, Artemis जैसी गहरे
अंतरिक्ष ऊंचाईयों की तैयारियों की नींव पर आधारित मिशन हमारा मार्गदर्शन
करते हैं।
🔭 भविष्य की दृष्टि: आगे क्या?
- ISS के बाद Artemis और Mars
जैसी दूरगामी योजनाएँ होंगी।
- अधिक वाणिज्यिक उपग्रह मिशनों और International LEO
अर्थव्यवस्था की दिशा में विकास की उम्मीद है ।
- NASA‑Roscosmos सहयोग भविष्य में
और बढ़ने की संभावना रखता है।
✍️ निष्कर्ष
प्रोग्रेस 92
मिशन केवल एक रसद दौरा नहीं है, बल्कि यह
मानवता के लिए एक प्रेरक संदेश है: अंतरिक्ष अनुसंधान, टकराव-रहित सहयोग,
वैज्ञानिक प्रगति और वैश्विक सहभागिता।
यह लेख ISS, NASA, Roscosmos, अंतर्राष्ट्रीय स्पेस सहयोग, और भविष्य के अंतरिक्ष अनुसंधानों पर आधारित है।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q 1. प्रोग्रेस 92 मिशन क्या है?
प्रगति 92 रूस द्वारा भेजा गया एक कार्गो मिशन है, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष
स्टेशन (ISS) तक लगभग तीन टन सामग्री पहुँचाता है।
Q 2. यह मिशन
कब लॉन्च हुआ?
यह मिशन 3 जुलाई 2025 को शाम 3:32 बजे EDT पर कज़ाखस्तान के बायकोनूर कोस्मोड्रोम
से लॉन्च हुआ।
Q 3.
अंतरिक्ष स्टेशन पर यह सामान क्यों भेजा जाता है?
ISS पर मौजूद अंतरिक्ष यात्री लंबे समय तक धरती से दूर रहते हैं। उनके लिए
भोजन, पानी, ईंधन, वैज्ञानिक उपकरण और अन्य जीवनोपयोगी सामान नियमित रूप से भेजना
पड़ता है।
Q 4. इस मिशन
की डॉकिंग कब हुई?
5 जुलाई 2025 को शाम 5:27 बजे EDT पर Progress 92 ने Poisk मॉड्यूल से
डॉकिंग की।
Q 5. क्या
NASA इस मिशन की लाइव स्ट्रीम करता है?
जी हां, NASA ने इस मिशन की लॉन्च और डॉकिंग दोनों की लाइव स्ट्रीम NASA+
प्लेटफॉर्म पर की।
✅ Internal Links
✅
External
Links (अधिकारिक और भरोसेमंद स्रोत):
1.
🌐 NASA – Progress 92 Coverage Page
3.
🌐 International Space Station (ISS)Facts – NASA

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