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पृथ्वी को गर्म रखने वाला महासागरीय हीटर बंद हो रहा है? जलवायु को संतुलन प्रणाली कमजोर

🌊 महासागर की अदृश्य शक्ति: क्या हम एक बड़े जलवायु संकट की ओर बढ़ रहे हैं?

    धरती की जलवायु को संतुलन में रखने में महासागर एक गुप्त लेकिन अत्यंत शक्तिशाली भूमिका निभाते हैं। विशेष रूप से Atlantic Meridional Overturning Circulation (AMOC) नामक महासागरीय प्रणाली, जो जलवायु संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान देती है। लेकिन अब यह प्रणाली कमजोर होती दिखाई दे रही है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) इस पर नजर रखने के लिए एक नया उपग्रह मिशन शुरू करने जा रही है – Next Generation Gravity Mission (NGGM)। आइए विस्तार से समझते हैं यह मिशन क्या है और क्यों यह हमारी पृथ्वी के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है।

Satellite observing Earth’s ocean circulation system
पृथ्वी की जलवायु संतुलन बनाए रखने वाली AMOC प्रणाली को अब अंतरिक्ष से ट्रैक किया जाएगा।


AMOC क्या है और क्यों है यह महत्वपूर्ण?

AMOC एक विशाल महासागरीय प्रवाह प्रणाली है, जो गर्म पानी को भूमध्यरेखा से उत्तर की ओर ले जाती है और ठंडे पानी को दक्षिण की ओर। इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है ग्लफ स्ट्रीम (Gulf Stream)। यह गर्म पानी उत्तरी अटलांटिक में पहुंचकर वातावरण को गर्म करता है और फिर ठंडा होकर गहराई में जाकर वापस लौटता है। इस प्रकार का प्रवाह पृथ्वी के जलवायु संतुलन को बनाए रखने में एक केंद्रीय भूमिका निभाता है।

🧊 लेकिन, आर्कटिक में तेजी से पिघलती बर्फ और ताजे पानी के बढ़ते प्रवाह के कारण यह प्रणाली धीमी पड़ रही है।


AMOC के कमजोर होने के संकेत

RAPID नामक परियोजना, जो 2004 से AMOC की निगरानी कर रही है, ने संकेत दिया है कि 2010 के बाद से AMOC की ताकत में लगातार गिरावट आई है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह गिरावट जलवायु परिवर्तन के कारण हो रही है। आर्कटिक क्षेत्र में बर्फ के पिघलने और ग्रीनलैंड से बहने वाले मीठे पानी की मात्रा में वृद्धि AMOC की मूल प्रक्रिया – ठंडे पानी का डूबना – को बाधित कर रही है।

हाल ही में प्रकाशित रिपोर्टों में यह चेतावनी दी गई है कि AMOC एक "टिपिंग पॉइंट" के करीब पहुंच सकता है – यानी एक बार यदि यह प्रणाली विफल हो जाती है, तो यह वापस सामान्य स्थिति में नहीं आ पाएगी। इसके परिणामस्वरूप यूरोप में तापमान 5-7°C तक गिर सकता है, मानसून प्रणाली प्रभावित हो सकती है और वैश्विक मौसम प्रणाली पूरी तरह बदल सकती है।


🛰
️ ESA का Next Generation Gravity Mission (NGGM)

ESA का नया मिशन NGGM विशेष रूप से पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में होने वाले बदलावों को मापने के लिए बनाया गया है। यह मिशन दो उपग्रहों के एक जोड़े के रूप में काम करेगा जो पृथ्वी के चारों ओर कक्षा में एक साथ परिक्रमा करेंगे। यह जोड़ी समुद्र के तल पर दबाव में सूक्ष्म परिवर्तन को मापेगी, जिससे वैज्ञानिक यह समझ पाएंगे कि AMOC प्रणाली में कितनी ताकत बची है।

यह मिशन ESA और NASA के संयुक्त प्रयास – MAGIC (Mass-change And Geoscience International Constellation) – का हिस्सा होगा। इस परियोजना में ESA के NGGM उपग्रह और NASA-DLR के GRACE-C उपग्रह शामिल होंगे। यह मिशन 2032 तक पूरी तरह से सक्रिय हो जाएगा।


NGGM कैसे काम करेगा?

NGGM उन क्षेत्रों को लक्षित करेगा जहाँ समुद्र का तल अचानक गहराई में जाता है – जिन्हें Continental Slopes कहते हैं। ये क्षेत्र AMOC के सबसे संवेदनशील क्षेत्र हैं। NGGM समुद्र तल के दबाव में छोटे-छोटे बदलावों को मापेगा। जैसे-जैसे पानी का प्रवाह बदलता है, समुद्र के तल पर दबाव में भी सूक्ष्म बदलाव आते हैं। यही बदलाव NGGM द्वारा मापे जाएंगे।

पूर्ववर्ती GRACE मिशनों की तुलना में NGGM की संवेदनशीलता और सटीकता कहीं अधिक होगी। इससे न केवल AMOC प्रणाली को समझने में मदद मिलेगी, बल्कि पृथ्वी के जल संसाधनों, बर्फ की चादरों और भूजल भंडारों में हो रहे परिवर्तनों की भी निगरानी की जा सकेगी।


🔍 MAGIC Constellation और अन्य मिशन

MAGIC (Mass-change And Geoscience International Constellation) 2032 तक पूरी तरह तैनात होगा, जिसमें शामिल होंगे:

  • NASA-GRACE-C सैटेलाइट्स
  • ESA-NGGM सैटेलाइट्स

साथ ही, CIMR, SMOS, और Sentinel-3 जैसे अन्य मिशन समुद्री सतह तापमान और लवणता की जानकारी देंगे, जिससे महासागर की पूरी प्रणाली को समझा जा सकेगा।

 

🔬 यह मिशन क्या करेगा?

  • समुद्र के तल पर दबाव (Ocean Bottom Pressure) को सटीक रूप से मापेगा।
  • AMOC की ताकत में हो रहे सूक्ष्म परिवर्तनों को पहली बार उपग्रहों से ट्रैक करेगा।
  • यह मिशन NASA और जर्मन स्पेस एजेंसी के GRACE-C उपग्रहों के साथ मिलकर MAGIC constellation बनाएगा।

🎯 क्या इससे AMOC को समझना आसान होगा?

बिल्कुल! अब तक AMOC की निगरानी के लिए ज़मीनी माप (जैसे RAPID परियोजना) का सहारा लिया जाता था, जो एक ही स्थान तक सीमित थी। लेकिन NGGM जैसी अंतरिक्ष-आधारित प्रणाली पूरे महासागर को निरंतर देख सकती है – वह भी कम लागत पर।


🌐 यदि AMOC ढह गया तो क्या होगा?

अगर AMOC प्रणाली पूरी तरह से बंद हो जाती है, तो इसका असर वैश्विक स्तर पर महसूस किया जाएगा:

1.    यूरोप में चरम सर्दी: लंदन जैसे शहरों में तापमान 5-7°C तक गिर सकता है।

2.    मानसून प्रणाली का असंतुलन: भारत और अफ्रीका जैसे देशों में मानसून पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।

3.    अमेरिका के पूर्वी तट पर समुद्र स्तर में वृद्धि: समुद्री जल का पुनर्वितरण स्थानीय समुद्र स्तर को बदल सकता है।

4.    समाज और अर्थव्यवस्था पर असर: कृषि, ऊर्जा आपूर्ति और आर्थिक स्थिरता प्रभावित होगी।


📈 वैज्ञानिक क्या कह रहे हैं?

🧑🔬 प्रोफेसर Rory Bingham (University of Bristol):

“यदि हम उपरी और निचली समुद्री ढलानों से डेटा लेकर उसके बीच के अंतर को मापें, तो AMOC की स्थिति का आकलन बहुत सटीकता से किया जा सकता है।”


🛰️ Ilias Daras (ESA NGGM Scientist):

हमारी रिसर्च से यह स्पष्ट है कि NGGM के माध्यम से समुद्र के तल के दबाव में हो रहे बदलावों को मापना संभव होगा, और इससे AMOC के कमजोर होने के संकेत पहले ही मिल सकते हैं। यह जलवायु परिवर्तन के खिलाफ हमारी रक्षा की पहली पंक्ति हो सकती है।“


अन्य सहायक मिशन


 NGGM अकेला नहीं है। ESA और अन्य एजेंसियों के कई उपग्रह मिशन मिलकर महासागरीय और जलवायु डेटा एकत्र कर रहे हैं:

CIMR (Copernicus Imaging Microwave Radiometer): समुद्र की सतह के तापमान और लवणता की निगरानी करता है।

SMOS (Soil Moisture and Ocean Salinity): महासागरों में लवणता और धरती में नमी मापता है

Sentinel-3: महासागरों और धरती की सतह के तापमान को रिकॉर्ड करता है।

इन सभी डेटा स्रोतों को मिलाकर वैज्ञानिक AMOC और अन्य महासागरीय प्रणालियों का एक समग्र मॉडल बना सकते हैं।


🌍 निष्कर्ष: अब कार्रवाई का समय है

ESA का Next Generation Gravity Mission केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह एक चेतावनी प्रणाली है – जलवायु संकट से पहले एक संकेत देने वाली प्रणाली। AMOC जैसी प्रणाली की निगरानी से हमें यह जानने में मदद मिलेगी कि हम कितनी तेजी से एक जलवायु संकट की ओर बढ़ रहे हैं और समय रहते क्या उपाय किए जा सकते हैं।

यदि वैज्ञानिक इस प्रणाली से AMOC के कमजोर होने के सटीक संकेत प्राप्त कर पाते हैं, तो यह मानवता को एक असामयिक जलवायु तबाही से बचा सकता है। यह मिशन हमें न केवल जलवायु परिवर्तन को समझने में मदद देगा, बल्कि हमें कार्रवाई के लिए तैयार भी करेगा।

 

क्या हम तैयार हैं इस अदृश्य महासागरीय संकट से निपटने के लिए?

अब विज्ञान हमें चेतावनी दे रहा है – सुनने का समय आ गया है।

 

ESA का नया ग्रेविटी मिशन सिर्फ विज्ञान का चमत्कार नहीं है, यह एक चेतावनी घंटी भी है। समय रहते यदि हम AMOC जैसी प्रणालियों पर नजर नहीं रखे, तो जलवायु संकट की घड़ी और भी करीब आ सकती है।


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

Q1. AMOC क्या है और यह पृथ्वी के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: AMOC (Atlantic Meridional Overturning Circulation) एक महासागरीय प्रवाह प्रणाली है जो गर्म पानी को भूमध्य रेखा से उत्तरी अटलांटिक की ओर ले जाती है और ठंडे पानी को दक्षिण की ओर। यह प्रणाली पृथ्वी की जलवायु को स्थिर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

Q2. AMOC कमजोर क्यों हो रही है?
उत्तर: आर्कटिक क्षेत्र की बर्फ तेजी से पिघल रही है और ग्रीनलैंड से मीठे पानी की अधिकता समुद्र की लवणता को कम कर रही है, जिससे पानी भारी नहीं हो पा रहा और डूबने की प्रक्रिया बाधित हो रही है।

Q3. ESA का NGGM मिशन क्या है?
उत्तर: NGGM (Next Generation Gravity Mission) ESA का एक उपग्रह मिशन है जो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में बदलावों को मापकर महासागर के तल पर दबाव के बदलावों की निगरानी करेगा, जिससे AMOC जैसी प्रणालियों की स्थिति का आकलन संभव होगा।

Q4. अगर AMOC ढह गया तो क्या प्रभाव होंगे?
उत्तर: यूरोप में तापमान में भारी गिरावट, मानसून प्रणाली में असंतुलन, समुद्र स्तर में बदलाव और वैश्विक खाद्य उत्पादन पर असर हो सकता है। यह एक बड़ा जलवायु संकट उत्पन्न कर सकता है।

Q5. क्या NGGM अकेला ऐसा मिशन है जो महासागर की निगरानी करेगा?
उत्तर: नहीं, NGGM के साथ NASA-GRACE-C, CIMR, SMOS और Sentinel-3 जैसे अन्य मिशन भी जलवायु और महासागरीय परिवर्तनों की निगरानी कर रहे हैं।


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📚 बाहरी स्रोत:


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