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East African Rift: अफ्रीका के बीच फट रही धरती, क्या उभर रहा है नया महासागर?

🌍 अफ्रीका में हो रहा है महाद्वीय विभाजन – एक नया महासागर बन रहा है

परिचय:

पृथ्वी की सतह तल में, अरबों वर्षों से चल रही भूवैज्ञानिक प्रक्रियाएं अभी भी जारी हैं। उनकी गति भले ही धीमी हो — कुछ मिलीमीटर प्रति वर्ष — लेकिन समय के साथ ये परिवर्तन ज़बरदस्त प्रभाव उत्पन्न करते हैं। वर्तमान में यह प्रक्रिया पूर्वी अफ्रीका में विद्यमान East African Rift System (EARS) के माध्यम से स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है, जहाँ अफ्रीका दो हिस्सों में विभाजित होता दिखाई दे रहा है। यह विभाजन लंबी अवधि में एक नए महासागर की उत्पत्ति का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

 

अफ्रीका में भूगर्भीय दरार और उसके किनारे बनता नया महासागर, दूर फैले पहाड़ और नीला आकाश

     पूर्वी अफ्रीका में बन रही विशाल दरार, जो भविष्य में एक नए महासागर की उत्पत्ति का संकेत देती है।

1. East African Rift System क्या है?

  • East African Rift (EAR या EARS) एक सक्रिय महाद्वीय विभाजन प्रणाली है, जो अफ्रीकी प्लेट को दो हिस्सों—न्यूबियन प्लेट (पश्चिम) और सोमाली प्लेट (पूर्व)—में विभाजित कर रही है। यह विभाजन लगभग 22–25 मिलियन वर्ष पहले (Miocene युग) शुरू हुआ था।
  • यह रिफ्ट लगभग 3,500 किमी लंबा है, एथियोपिया के Afar त्रिकोण से लेकर मोज़ाम्बिक तक फैला हुआ है ।
  • विभाजन गति 6–7 mm/वर्ष के बीच है, जो विधिवत रूप से 0.2–0.3 इंच/वर्ष के बराबर है ।

 

2. विभाजन की दर और मायने

  • हाल ही के अध्ययनों से पता चलता है कि एक पॉवरफुल 'SUPERPLUME' लगभग 1,800 मील ( 2,900 किमी) नीचे जमीन के भीतर स्थित है, जो अत्यधिक गर्म चट्टानों का विशाल बुलबुला है। यह ऊपरी सतह की प्लेट को ऊपर धकेलकर भूकंपीय गतिविधि और वॉल्केनिक गति को तेज कर रहा है, जिससे महाद्वीय विभाजन की प्रक्रिया तेज हो रही है।
  • अफ़ार डेप्रेशन में यह मैग्मा पल्स (ओछी-ताली तरंगों की तरह तेल की बूँदों की तरह) के रूप में ऊपर आता है, जिससे क्रस्ट कमज़ोर पड़ता है और दरारें बढ़ जाती हैं ।
  • 2005 में एथियोपिया के रेगिस्तान में लगभग 60 किमी ( 35 मील) लंबी क्रैक या दरार सामने आई जिसने इस प्रक्रिया की वास्तविकता को पुष्टि की ।
  • शुरुआती अनुमान थे कि महाद्वीय विभाजन में दस से पचास मिलियन वर्ष तक लग सकते हैं, लेकिन नए शोध बताते हैं यह 1–5 मिलियन वर्ष में भी संभव है ।

 

3. इस विभाजन से कितना समय लगेगा?

  • यदि विभाजन गति 6mm/वर्ष है, तो
    1 किमी विभाजन (1,000,000
    mm) तक पहुँचने के लिए ~166,667 वर्ष लगेंगे।
  • यदि गति 7 mm/वर्ष हो, तो करीब 142,857 वर्ष में दूरी बढ़ सकती है।
  • हालांकि ये संख्याएँ मानव जीवनकाल से दुर्गम हैं, लेकिन भूवैज्ञानिक समय के पैमाने पर ये बहुत तेज़ी से होती हैं।

 

4. भूतपूर्व महाद्वीपों का विभाजन: पैंगीया और गोंडवाना

4.1 पैंगीया (Pangaea)

  • लगभग 300 मिलियन वर्ष पहले, पृथ्वी पर एक ही महाद्वीप था — इसे पैंगीया कहा जाता है। Late Triassic–Jurassic अवधि के दौरान ( 220–180 Ma), यह सम्पूर्ण रूप से विभाजित होना शुरू हुआ।

4.2 गोंडवाना (Gondwana)

  • गोंडवाना लगभग 600–750 Ma पूर्व अस्तित्व में रहा जो अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका आदि को समाहित करता था ।
  • इसका विभाजन:
    • 180 Ma: गोंडवाना दो हिस्सों में विभाजित हुआ— पश्चिमी (अफ्रीका-स. अमेरिका) और पूर्वी (भारत, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका) ।
    • 140–100 Ma: दक्षिण अमेरिका ने अफ्रीका छोड़ दिया, और भारत-मडगास्कर भी विभाजित हुआ।
    • 85–35 Ma: ऑस्ट्रेलिया ने अंटार्कटिका को छोड़ा; न्यूज़ीलैंड ऑस्ट्रेलिया से अलग हुआ ।
  • इसी प्रकार भूमध्य और हिन्द महासागर समेत कई नये महासागर टूटे और अस्तित्व में आए।

 

5. भविष्य की दिशा: नया महासागर और नया महाद्वीप

  • यदि वर्तमान विभाजन जारी रहता है, तो Indian Ocean और Red Sea के पानी अफ़ार और रिफ्ट घाटी में प्रवेश कर सकते हैं।
  • इस प्रकार एक नया महासागर बन सकता है जो अफ्रीका को दो हिस्सों में बाँट सकता है:
    एक छोटा नया महाद्वीप — जिसमें शामिल होंगे सोमालिया, पूर्वी एथियोपिया, केन्या, तंज़ानिया — जिसे “Nubian Continent” कहा जा सकता है ।
  • इस प्रक्रिया को 1–5 मिलियन वर्षों में पूर्ण होने की संभावना जताई गई है, हालांकि कुछ अनुमान इसे 50 मिलियन वर्ष तक भी बता रहे हैं।
  • जैसे- जैसे महासागर बनने लगेगा, अंदरूनी देशों को भी नये समुद्र तट, नये समुद्री मार्ग, व्यापार और आर्थिक गतिविधियों का विकास देखने को मिलेगा ।

 

6. मानवता पर प्रभाव और वैज्ञानिक महत्व

6.1 संभावित प्रभाव

  • कई मिलियन वर्षों में यह विभाजन स्थानीय इकोसिस्टम, मानव बस्तियों, और पर्यावरणीय परिस्थितियों को प्रभावित कर सकता है।
  • ज़मीन-विभाजन, भूकंप और ज्वालामुखीय घटनाएं लोकक्षेत्र के निवासियों को विस्थापित कर सकती हैं ।

6.2 वैज्ञानिक दृष्टिकोण

  • यह विभाजन मानवता के लिए एक दुर्लभ जीवंत प्रयोगशाला है, जहाँ प्लेट टेक्टानिक्स के सिद्धांत, क्रस्ट विभेदन, मांटल डायनेमिक्स आदि का अध्ययन हो सकता है।
  • प्राचीन प्रक्रियाएं जैसे गोंडवाना टूटना, आज फिर उसी पैटर्न में दोहरा रही हैं, जिससे भविष्य के भूवैज्ञानिक प्रवृत्तियों की समझ बेहतर होती है ।

 

7. निष्कर्ष (Conclusion)

  • वर्तमान में East African Rift महाद्वीय विभाजन की प्रारंभिक अवस्था में है, जो 6–7 mm/वर्ष की दर से आगे बढ़ रहा है।
  • यह विभाजन 1–5 मिलियन वर्षों में नया महासागर उत्पन्न कर सकता है, और अफ्रीका का एक नया महाद्वीपीय भाग बन सकता है।
  • यह विभाजन पहले से हुई घटनाओं—जैसे पैंगीयागोंडवाना का विघटन—ना केवल दोहराता है बल्कि आधुनिक भूवैज्ञानिक आँकड़ों से पुष्टि भी करता है।
  • मानव जीवनकाल को छोड़ दें, यह प्रक्रिया पृथ्वी की चालकीय शक्ति और उसके भविष्य की दिशा का संकेत देती है।

🧭 मुख्य बिंदुओं की सारांश तालिका

विषय

सूचना

विभाजन गति

लगभग 6–7 mm/वर्ष

प्रमुख घटना

2005 में ~60km लंबी裂裂 Afar में

संभावित नया महासागर

Red Sea / Indian Ocean से बाढ़

समय सीमा

1–5 मिलियन वर्ष (कुछ अनुमान 50 मिलियन वर्ष)

नए महाद्वीप

“Nubian Continent” (Somalia + Kenya + Ethiopia + Tanzania)

भूतपूर्व विभाजन

पैंगीया, गोंडवाना का पूर्व ऐतिहासिक टूटना

वैज्ञानिक महत्व

प्लेट टेक्टोनिक्स, भूवैज्ञानिक विकास,Mantle dynamics

    

हमने विस्तार से देखा कि महाद्वीय विभाजन केवल इतिहास का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह आज भी जारी है। जैसे गोंडवाना और पैंगीया टूटकर नए महासागरों का जन्म हुए थे, वैसे ही आज इसका संगत रूप East African Rift में उभर रहा है।

 

🧠 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)


1. अफ्रीका में कौन सा क्षेत्र विभाजित हो रहा है?

पूर्वी अफ्रीका में स्थित East African Rift System (EARS) एक सक्रिय महाद्वीय विभाजन रेखा है जो अफ्रीका को दो प्लेट्स — न्यूबियन और सोमाली — में अलग कर रही है। यह विभाजन अफ़ार त्रिकोण, केन्या, इथियोपिया, और तंज़ानिया जैसे क्षेत्रों को प्रभावित कर रहा है।

2. क्या यह विभाजन वास्तव में अफ्रीका को दो भागों में बाँट देगा?

हाँ, वैज्ञानिक मानते हैं कि यदि यह प्रक्रिया लाखों वर्षों तक चलती रही, तो अफ्रीका दो महाद्वीपों में विभाजित हो जाएगा। इस विभाजन के कारण एक नया महासागर भी बन सकता है जो पूर्वी अफ्रीका को शेष महाद्वीप से अलग कर देगा।

3. यह नया महासागर कब तक बनेगा?

पूर्वी अफ्रीका में भूमि-विभाजन की गति सामान्यतः लगभग 6–7 मिलीमीटर प्रति वर्ष होती है, हालाँकि कुछ क्षेत्रों में यह दर 1 सेंटीमीटर प्रति वर्ष तक भी पहुँच सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यदि यह प्रक्रिया यूँ ही चलती रही, तो आने वाले 5 से 10 करोड़ वर्षों में यह विभाजन एक नए महासागर का रूप ले सकता है।

4. इस भूगर्भीय गतिविधि के कारण क्या खतरे हो सकते हैं?

East African Rift क्षेत्र में अक्सर भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट होते हैं, जो स्थानीय निवासियों और संरचनाओं के लिए खतरनाक हो सकते हैं। इसके साथ ही, इस विभाजन से जलवायु और पारिस्थितिकी तंत्र में भी बदलाव आ सकता है।

5. क्या इस विभाजन को रोका जा सकता है?

नहीं, यह एक प्राकृतिक भूगर्भीय प्रक्रिया है जो पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की गति के कारण होती है। इसे रोका नहीं जा सकता, लेकिन इसकी निगरानी और अध्ययन से भविष्य के खतरों को कम किया जा सकता है।

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